HBA1C (Glycated hemoglobin) टेस्ट:
hba1c- डायबिटीज किसी भी व्यक्ति की जिंदगी को प्रभावित करने वाली खतरनाक बीमारी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में रक्त glucose का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज के प्रबल प्रभाव की वजह से उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, किडनी समस्याएँ, आँखों की समस्याएँ और नसों की समस्याएँ हो सकती हैं। जिंदगी में डायबिटीज की देखभाल करना आवश्यक है और इसके मापक तत्वों में HBA1C टेस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
HBA1C टेस्ट क्या है?
HBA1C टेस्ट एक प्रकार की ब्लड टेस्ट है जिसका उद्देश्य डायबिटीज के पूरे समय के लिए blood sugar का स्तर पता करना होता है। यह टेस्ट शरीर में ग्लूकोज के साथ जुड़े हुए हेमोग्लोबिन के प्रतिशत को मापता है जिसको Glycated hemoglobin कहते हे , जो रक्त में 120 दिनों तक मौजूद रहता है। यह टेस्ट बताता है कि व्यक्ति का blood sugar स्तर उसकी रक्त में कितने समय तक बढ़ा रहा है और डायबिटीज की निगरानी में मदद करता है।
HBA1C टेस्ट का महत्व
HBA1C टेस्ट डायबिटीज के प्रबल प्रभाव की पहचान के लिए महत्वपूर्ण है। यह टेस्ट डॉक्टर को बताता है कि पिछले ३ महीनों में blood sugar का स्तर कैसे बदल रहा है और क्या डायबिटीज की निगरानी में और भी बदलाव की आवश्यकता है।
HBA1C टेस्ट कैसे किया जाता है
HBA1C टेस्ट के लिए खून का सैंपल लिया जाता है, जो कि सामान्य खून टेस्ट की तरह ही होता है। यह टेस्ट खून के हेमोग्लोबिन के विशिष्ट रूप को मापता है और उसमें ग्लूकोज के जुड़े हुए प्रतिशत को दिखाता है। रिपोर्ट में इसका परिणाम प्रतिशत में दिखता है, जो व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज के स्तर की मात्रा को दर्शाता है।
HBA1C टेस्ट के परिणाम
HBA1C टेस्ट के परिणाम blood sugar के स्तर की मापक होते हैं। यह परिणाम शुगर के संचालन को मापने का एक महत्वपूर्ण तरीका है और यह डॉक्टर को बताता है कि व्यक्ति का डायबिटीज परिप्रेक्ष्य कैसा है।
HBA1C परिणाम | blood sugar की व्याख्या |
---|---|
5.4% या कम | सामान्य (Normal range) |
5.7% – 6.4% | डायबिटिक से पहले का चरण ( pre-diabetic range) |
6.5% – 7.0% | डायबिटीज प्रारंभिक चरण (Initial stage of diabetes range) |
7.1% – 8.0% | डायबिटीज नियंत्रण चरण (controlled diabetes range) |
8.1% – 9.0% | उच्च डायबिटीज नियंत्रण चरण ( high range) |
9.1% – 9.9% | अत्यधिक डायबिटीज नियंत्रण चरण ( very high range) |
10.0% या उससे अधिक | संकेत देखभाल की आवश्यकता ( critical range ) |
HBA1C टेस्ट का माप और नियमित जांच
HBA1C टेस्ट का माप नियमित रूप से किया जाना चाहिए। डायबिटीज के रोगियों को हर तीन महीने में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए ताकि उनके blood sugar के स्तर में होने वाले परिवर्तन का पता चल सके और उनकी उपचार योजना को आवश्यक रूप से समायोजित किया जा सके।
HBA1C टेस्ट के लाभ
- शुगर की निगरानी में सुधार: Glycated hemoglobin टेस्ट blood sugar के स्तर की निगरानी में मदद करता है और शुगर के संचालन में सुधार करने के लिए सहायक होता है।
- उपचार की योजना: टेस्ट के परिणाम के आधार पर डॉक्टर उपचार की योजना तैयार कर सकते हैं जो व्यक्ति के लिए सही होती है।
- संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान: Glycated hemoglobin टेस्ट संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने में मदद कर सकता है, जैसे कि दिल की बीमारियाँ और नसों की समस्याएँ।
निष्कर्ष
HBA1C टेस्ट डायबिटीज के प्रबल प्रभाव की पहचान में महत्वपूर्ण है और यह शरीर में blood sugar के स्तर की निगरानी में मदद करता है। यदि आपको डायबिटीज है, तो नियमित रूप से HBA1C टेस्ट करवाना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
FAQs
1. Glycated hemoglobin टेस्ट कितने वक्त के लिए रिपोर्ट दिखाता है?
HBA1C टेस्ट रिपोर्ट व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज के स्तर की मात्रा को पिछले 120 दिनों के लिए दिखाता है।
2. क्या Glycated hemoglobin टेस्ट पूरे दिन के लिए भोजन का प्रभाव दिखाता है?
हां, HBA1C टेस्ट पूरे दिन के खाने पीने के प्रभाव को दिखा सकता है, क्योंकि यह पिछले 120 दिनों के blood sugar के स्तर की मात्रा को मापता है।
3. क्या Glycated hemoglobin टेस्ट केवल डायबिटीज रोगियों के लिए है?
हां, प्रायः HBA1C टेस्ट डायबिटीज रोगियों के प्रबल प्रभाव की निगरानी के लिए किया जाता है।
4. Glycated hemoglobin टेस्ट कितनी बार करवाना चाहिए?
डायबिटीज के रोगियों को हर तीन महीने में एक बार HBA1C टेस्ट करवाना चाहिए ताकि उनके blood sugar के स्तर में होने वाले परिवर्तन का पता चल सके।
5. Glycated hemoglobin टेस्ट के लिए उपयुक्त प्राकृतिक प्रक्रिया क्या है?
HBA1C टेस्ट के लिए खून का सैंपल लिया जाता है और उसे ब्लड टेस्ट के लिए भेजा जाता है। इस प्रक्रिया में कोई विशेष प्राकृतिक प्रक्रिया शामिल नहीं होती है।
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