लिवर (liver) क्या हे :
मानव सरीर के भीतरी अंगों में से सबसे बड़ा अंग liver ही होता है, जिसका औसत वजन 1.5 किलोग्राम और आकार में 10 सेंटीमीटर तक का होता है। हमारे शरीर में लिवर अनगिनत कार्यों में अपनी भूमिका निभाता है, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन निम्नलिखित है:
- भंडारण (स्टोरेज): लिवर में ही Iron, cupper, glycogen, minerals, vitamin A, vitamin D, vitamin E, vitamin K, vitamin B12 का भंडारण होता है।
- खून शुद्धिकरण (detoxification): खून से काम न लगने वाली पदार्थ, पुराने खून, मारा हुआ कोशिका बयर्थ पदार्थ लिवर ही पुरीफ़ाई करता है।
- पित्त (bile production): पित्त (bile) का उत्पादन लिवर में होता है जो बाद में जाके gall bladder में जमा होता है। पित्त का काम हमारे भोजन में चर्वी (fat) को पचाना होता है।
- Metabolism: औषधि, दारू, glucose, amino acid, fatty acid, glycerol इत्यादि लिवर में metabolite होते हैं।
- निर्माता (synthesis): प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल लिवर बनाता है।
- खून में चीनी का मात्रा को नियंत्रित करने में लिवर अहम् भूमिका निभाता है।
- रोग से लड़ने वाली complement protein लिवर बनाता है।
अब आपको पता चला ही गया होगा कि लिवर हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण अंग है। अगर लिवर में किसी भी वजह से सूजन हो तो उस अवस्था को हम hepatitis कहते हैं और जिसकी वजह से ऊपर वर्णित सभी कार्यों में बाधा आसक्ति होती है।
hepatitis किसको कहते हे ?
हेपेटाइटिस शब्द दो भागों से मिलकर बनता है। हेपाट (hepat) शब्द का अर्थ होता है ‘लिवर(liver)’ और आइटिस (itis) शब्द का अर्थ होता है ‘सूजन(inflammation)’। इसलिए, हेपेटाइटिस (hepatitis) शब्द का अर्थ होता है ‘लिवर की सूजन चाहे वजाह कुछ भी हो ।
hepatitis के प्रकार ?
- hepatitis A
- hepatitis B
- hepatitis C
- hepatitis D
- hepatitis Eआज हम यहाँ इस लेख में हेपेटाइटिस बी की चर्चा करेंगे
क्या होता हे हेपाटाइटिस् – बि (hepatitis b) :
हेपाटाइटिस बी (Hepatitis B) एक संक्रामक बीमारी है जो हेपाटाइटिस बी वायरस के कारण होती है। यह बीमारी हमारे लिवर में गंभीर सूजन का कारण बनती है और लिवर की कार्यों में असंतुलन पैदा करके उसे निष्क्रिय करने का काम करती है। हेपाटाइटिस बी रोग मुख्य रूप से 4 माध्यमों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है:
- संक्रमित खून के ब्यान के माध्यम से
- संक्रमित सिरिंज या चाकू द्वारा छेदने के माध्यम से
- संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध रखने के माध्यम से
- संक्रमित गर्भ द्वारा
इनमें से संक्रमित गर्भ द्वारा बच्चे में संक्रमण होना सबसे खतरनाक माना जाता है। इसलिए गर्भावस्था में इस बीमारी की जांच कराना बहुत आवश्यक है।
hepatitis b के लक्षण :
सभी हेपेटाइटिस में लक्षण लगभग मिलते जुलते ही रहते हैं, परंतु कुछ ऐसे लक्षण हैं जो खास किसी विशेष प्रकार के हेपेटाइटिस संक्रमण को दर्शाते हैं। आइए हम उन लक्षणों का जिक्र करें।
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त्वचा और आँखों की पीलापन :
हेपेटाइटिस बी लगायत दूसरे सभी हेपेटाइटिस के संक्रमण में त्वचा में पीलापन, आंखों और नाखूनों का पीले रंग का हो जाना,खुजली का अनुभव करना आम लक्षणे हे ।यह इसलिए होता है क्योंकि लिवर में सूजन होने की वजाह से शरीर के बिलिरुबिन हमारे शरीर से बहार निकलनेमे असमर्थ होते हे और परिमाण स्वरुप हमारे त्वचा में आँखों में इक्कठा होने लगते हे । जिसको हम पीलिया (jaundice) के नाम से भी जानते हे ।
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पिशाब में समस्याएं:
पीले रंग का मूत्र, मूत्राशय में दर्द या सूजन, पेशाब के रंग में परिवर्तन, मूत्र में खून या तरलता का अनुभव करना।
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मल में समस्या :
चिकनी मिटटी के रंग का मल निकलना (clay colored stool)
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पेट की समस्याएं :
पेट में दर्द खास करके दाहिने भाग में , उल्टी, लिवर के आकर में बृद्धि होने की वजाह से भारीपन का अनुभव, बहुत ज्यादा गैस, अधिक पसीना, और पेट में पानी भरने की वजाह से पेट की सूजन का आकार बढ़ जाना।
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अन्य :
इसके अलावा बुखार लगना (fever) , थकान लगना , भूक की कमी (Anorexia) , जोड़े में दर्द (joint pain) इत्यादि लक्षण दिखाई दे सकती हे ।
हेपाटाइटिस् – बि ( hepatitis b ) से कैसे बचे :
जैसा कि हमने हेपेटाइटिस बी के कारणों के बारे में ऊपर चर्चा की है, अगर हम उन कारक तत्वों से किसी तरह सावधान रहे , तो हम हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होने से भी बच सकते हैं। आइये कुछ सावधानी के बारे में जानते हे ।
- गर्भवती के समय अनिवार्य रूपसे hepatitis b की जांच करवाए अगर hepatitis b पॉजिटिव निकला तो डाक्टरों के परामर्श अनुरूप ही गर्भ को निरंतरता दे और जन्म के दौरान hepatitis b बिरुद्ध टिका और इम्युनोग्लोबुलिन जरूर लगवाए ।
- कभी भी दूसरे में इस्तेमाल किया गया धातु, सिरिंज , ब्लेड , नोखिला सामग्री इत्यादि अपने शरीर में इस्तेमाल करने ना दे , अगर करना ही पड़े तो उचित बिद्धि अनुसार उसको पहले स्टेरिलाइज(sterilize) करने के बाद ही प्रयोग गरे।
- असुरक्षित यौन संपर्क से दूर रहे।
- किसी वजाह से अगर खून चढ़ाना परे तो चढाने जाने वाले खून में कोई hepatitis b लगायत के और कोई संक्रमण हे की नहीं सुनिश्चित कर के ही चढाने दे ।
- राष्ट्रीय टीकाकरण सूची के आधार में सभी बच्चे को सही समय पे पूरा टिका लगवाए , अगर किसी ने hepatitis b के बिरुद्ध टिका नहीं लगवाया हो तो 1 महीने के अंतर अवधी में 3 बार टिका लगवाए उसके बाद 6 महीने में बूस्टर डोज लगवाए ।
क्या हेपाटाइटिस् – बि ( hepatitis b ) निर्मूल होता हे ?
अक्सर इंसान हेपाटाइटिस-बी (hepatitis B) से संक्रमित होने के बाद बेचैन हो जाते हैं, ये सोचकर कि अब वे इस बीमारी से छुटकारा नहीं पा सकते हैं, इस बीमारी का कोई इलाज ही नहीं है और उन्हें अब यह बीमारी मार कर ही छोड़ेगी! इन सबका कारण केवल इस बीमारी से जुड़ी अफवाहें हैं, जिसको इंसानों ने खुद से ही फैलाकर रखा है। आइए इस बीमारी से जुड़े हुए गलतफहमी को दूर करें।
अगर hepatitis b के आँकड़े देखें तो जिनको इस दुनिया में आने के बाद किसी वजह से hepatitis b हुआ है (जन्मजात हेपाटाइटिस-बी छोड़कर) उनमें ९५% यानी कि १०० में से ९५ लोगों में hepatitis b ६ महीने में खुद से ही निर्मूल हो जाता है, यहां तक कि रोग से निर्मूल होने के बाद आगे भविष्य के लिए भी उस रोग से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति (प्राकृतिक सक्रिय प्रतिरक्षा) का विकास हो जाता है। बाकी १% से भी कम इंसान जो गर्भवती हों, उनको लिवर फेलियर की समस्या से जूझना पड़ सकता है और बाकी बचे हुए सिर्फ <५% इंसानों को ही यह रोग लंबे समय तक ६ महीने से अधिक तक पीछा नहीं छोड़ता, जो chronic hepatitis b कहलाता है। पर घबराएँ मत। जो इंसान chronic hepatitis b से संक्रमित हैं, उनमें से सिर्फ १५-२०% को ही दवा की जरूरत पड़ती है (anti viral therapy) जिसकी मदद से आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
अब बात करते हैं जन्मजात hepatitis b की, ये खतरनाक इसलिए है कि अगर कोई इंसान को hepatitis b गर्भावस्था से ही हो जो कि माँ से गर्भाशय में पल रहे बच्चे में फैलता है, तो फिर वह इंसान को chronic hepatitis b होने की संभावना ९५% से भी अधिक रहती है और इसके साथ-साथ लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis ) और लिवर का कैंसर (hepatocellular carcinoma) होने का खतरा बना रहता है, हालांकि सभीchronic hepatitis बी से ग्रस्त इंसानों को लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis ) और लिवर का कैंसर (hepatocellular carcinoma) होगा ही, यह ज़रूरी नहीं है, पर इसके लिए नियमित डॉक्टर के परामर्श की जरूरत होती है जिससे हम आगे आने वाली संभावित खतरों को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।
निस्कर्स :
१) जन्मजात हेपाटाइटिस् – बि से संक्रमित १०० मेसे ९५ लोगो को chronic hepatitis b होने कि सम्भावना होती हे ।
२) जन्म के बाद हुवा हेपाटाइटिस् – बि संक्रमित १०० मेसे ९५ लोगो बिना देवाई खुद से हि ६ महिन्ने के अन्दर रोग से मुक्त होजाते हे, बाकी बचे हुवे ५ % लोगो को chronic hepatitis B होने कि सम्भावना होती हे ।
३) chronic hepatitis b संक्रमित १५-२० % को हि भविष्य मे liver cirrhosis ओर Hepatocellular carcinoma होने कि सम्भावना होती हे जिसकी सम्भावना दवा ( antiviral therapy ) कि मदत से कम कर सकते हे ओर एक healthy life बिता सकते हे।
हेपेटाइटिस बी के लिए पूछे जाने वाले सवालों के लिए जवाब (FAQs):
- हेपेटाइटिस बी क्या है?
उतर : हेपेटाइटिस बी एक वायरल संक्रामक बीमारी है जो लिवर को प्रभावित करती है। यह बीमारी एक कारण से हो सकती है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) नामक एक वायरस के कारण होता है। - क्या हेपेटाइटिस बी पूर्ण रूपसे ठीक होता हे ?
उतर : जी हां जन्म के बाद हुवा हेपाटाइटिस् – बि 95 % तक निर्मूल होने की संभावना होती हे । - हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या होते हैं?
उतर : हेपेटाइटिस बी के लक्षण में थकान, पेट में दर्द, भूख की कमी, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीलापन), पतली या गहरी पीले रंग की पाखंडी मल आदि शामिल हो सकते हैं। - हेपेटाइटिस बी कैसे फैलता है?
उतर : यह संक्रमित रक्त संपर्क, संक्रमित ब्यक्ति के साथ संभोग द्वारा , संक्रमित गर्भावस्था के दौरान मातृ से शिशु को फैल सकता है। - हेपेटाइटिस बी के टीके क्या हैं?
उतर : हेपेटाइटिस बी के खिलाफ सुरक्षा के लिए टीकाकरण उपलब्ध है। यह टीका तीन खुराकों (0, 1 और 6 महीने) में प्रदान किया जाता है। हेपेटाइटिस बी का टीका बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए सुरक्षित है।
यदि आपके पास हेपेटाइटिस बी के बारे में अधिक प्रश्न हैं, तो आप comment section द्वारा हम से पूछ सकते हे ।
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