गर्भ अवस्था का ये १३ लक्षण जिसको नजर-अन्दाज कर्नेसे हो सक्ति हे माँ और बच्चे दोनो कि मौत !
वेसे तो गर्भ ( pregnancy ) एक खुद में हि बहुत जटिल अवस्था हे जिसमे महिला के शरीरमे बोहोत सारी होर्मोनल , भौतिक ओर रासायनिक परिवर्तन होती हे ; जिसकी वज से उन्हे अनेक लक्षण से गुजरना होता हे , जिस मेसे ऐ 10 लक्षण जिसको कभी भी मत किजिएगा नजर-अन्दाज :
१.बुखार लगना (fever) :
- गर्भवती के समय बुखार लगने का प्रमुख कारन संक्रमण हे जिन मेसे प्रमुख संक्रमण निम्न प्रकार हे :
- ऍपेन्डिक्स में संक्रमण (Appendicitis)
- पित्त की थैली में संक्रमण (cholecystitis)
- आंत में संक्रमण (inflammatory bowel disease)
- पिसाब में संक्रमण (Urinary tract infection)
- खून में संक्रमण (sepsis)
- फेफड़ो में संक्रमण (pneumonia)
- TORCH infection
२.अत्यधिक उल्टी होना (Vomiting):
Pregnancy के समय खास तौर पर पहले 12 हफ्तों तक उल्टी आना आम बात है, जिसे मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) कहते हैं। morning sickness होने की मुख्य वजह placenta द्वारा उत्पन्न होने वाले beta human chorionic gonadotropin (BhCG) हार्मोन है, जिसमें पहले 12 हफ्तों तक लगातार बढ़ोतरी होती है। उसके बाद इसकी उत्पादन में कमी आने लगती है और यही वजह है कि 12 हफ्ते के बाद morning sickness होने की संभावना कम रहती है। BhCG हार्मोन की वजह से ही पेशाब द्वारा चेक करने जाने वाली urinary pregnancy test पॉजिटिव आता है। लेकिन अगर हद से ज्यादा उल्टी हो, तो यह खतरनाक हो सकती है। ज्यादा उल्टी होने से सरीर में इलेक्ट्रोलाइट की असंतुलन हो सकती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को असर हो सकता है। अगर ज्यादा उल्टी होने के साथ-साथ प्रेग्नेंट होने से पहले का वजन का 5% से ज्यादा कमी आए, तो यह hyperemesis gravidarum हो सकती है, जो बाद में Wernicke’s encephalopathy का रूप ले सकती है। अत्यधिक उल्टी होना का कुछ प्रमुख कारणे :
- Hyperemesis gravidarum
- food poisoning
- liver या फिर pancrease की समस्याए
- viral infection
३.दृस्टि में परिवर्तन (Change in vision):
pregnancy के समय दृस्टि में परिवर्तन जैसे की धुंधला दिखाई देना, चमकदार रौशनी दिखना , अचानक से कुछ समय तक कुछ नहीं दिखना तो ये stroke और रक्त चाप से जुड़े समस्या हो सकते हे जिसको hypertensive disorder of pregnancy कहते हैः ये मुख्या रूपसे 6 प्रकार के होते हे ।
- gestational hypertension
- pre-eclampsia
- eclampsia
- superimposed pre-eclampsia/eclampsia
- HELLP Syndrome
- chronic hypertension
४.मिर्गी का दौरा परना (seizure) :
गर्भवती के समय मिर्गी का दौरा पर्ना एक बोहोत ही चिंताजनक रोग का संकेत हो सकता हे । जिन मेसे प्रमुख कारन निम्न प्रकार हे :
- Eclampsia
- cerebral vein thrombosis (CVT)
- Thrombotic thrombocytopenic purpura (TIP)
- stroke
- Subarachnoid hemorrhage
- hypoglycemia
- दिमाग का संक्रमण (Eg: Meningitis)
५.अत्यधिक सर दर्द होना (severe headache) :
अत्यधिक सर दर्द के कारन निम्न प्रकार के हो सकते हे :
- रक्त चाप से जुड़े समस्याए (hypertensive disorder of pregnancy)
- migraine
- stoke
६.योनि से दर्दरहित ताजा खुन गिरना (painless PV bleeding) :
योनि द्वार से दर्दरहित ताजा खुन निकलने का प्रमुख कारन placenta previa (गर्भनाल योनि के द्वार में होने वाली अवस्था) और vasa previa हो सकता हे। जो अक्सर गर्भ के सुरुवाती दिनों में से ही दिखने लगते हे । जिसको ultrasonography(USG) द्वारा पता लगा सकते हे ।
७.योनि से दर्द युक्त ताजा खुन गिरना (painfull PV bleeding) :
योनि द्वार से दर्द युक्त ताजा खुन निकलने का प्रमुख कारन abruptio placentae ( डिलीवरी से पहले गर्भनाल का गर्भाशय से छूटना ) हो सकता हे।
८.योनि से अत्यधिक पानि गिरना (PV leaking) :
योनि से गर्भ के समय अत्यधिक पानी का गिरना ; आपके amniotic membrane ( बच्चे जिस तरल में रहते हे उसके बाहिरि परत ) का फटने का संकेत हे; अगर ये 37 हप्ता के बाद पेट के दर्द के साथ (with labor pain ) हो तो ये सामान्य हे पर ये 37 हप्ता के बाद पेट के दर्द के साथ ना हो ( with out labor pain ) तो इसको हम premature rupture of membrane (PROM) कहते हे ।
९.सांस में दिक्कत (shortness of breath) :
सांस फेरने में दिक्कत की वजह निम्न हो सकते हे :
- रक्त चाप से जुड़े समस्याए (hypertensive disorder of pregnancy)
- फेफड़े की समस्याए (pneumonia , pulmonary embolism)
- दिल की समस्याए
- खून की कमी
१०.सरीर का फूलना (body swelling) :
- अगर पैर फूलने के साथ साथ दर्द और फुले हुए जगह लाल और गर्म हो तो ये deep vein thrombosis ( पैर के रक्त नलि में खून का जमना ) हो सकता हे ।
- हाथ, पैर और चेहरा का दर्द रहित फूलना ; रक्त चाप से जुड़े समस्याए (hypertensive disorder of pregnancy) की वजह से हो सकती हे ।
११.एकदम से पेट मे दर्द होना (Labor pain) :
एकदम से पेट में दर्द होने की कारन निम्न हो सकते हे :
- labor pain
- abruptio placentae ( डिलीवरी से पहले गर्भनाल का गर्भाशय से छूटना )
- रक्त चाप से जुड़े समस्याए (hypertensive disorder of pregnancy)
१२.पेट मे खुजली होना (body itching) :
गर्भ के दौरान पेट में या फिर सरीर में खुजली होने का कारन लिवर से जुड़े समस्या जैसे की obstetric cholestasis .
१३.बच्चे का कम चलना (decrease fetal movement) :
बच्चे अगर दूसरे समय के तुलना में कम चलने का अनुभव हो तो निम्न कारन हो सकते हे :
- गर्भाशय का संक्रमण ( uterine infection)
- गर्भाशय का तरल में कमी आना (oligohydramnios)
- भूर्ण में समस्या (fetal distress)
गर्भ के समय देखि जाने वाली खतरनाक लक्षणों से जुड़े कुछ सवाले (frequently asked questions (FAQ) list about warning signs of pregnancy) :
Q1.What are the warning signs of pregnancy?
उतर : धुंधला देखाईदेना , चमकीले रौशनी का दिखाई देना , अत्यधिक शिर दर्द , अत्यधिक उलटी , बुखार , रक्तश्राव, सरीर फूलना , मिर्गी , बच्चे का काम चलना , सास लेने में दिक्कत , योनि से अत्यधिक पानी बहना इत्यादि।
Q2.How soon do warning signs of pregnancy appear?
उतर : ये खरतनाक लक्षण गर्भवती होने बाद से ही दिखाई पर सकती हे , पर अक्सर ये 16 हप्ते के बाद ही देखे देती हे ।
Q3.Is it normal to feel tired during early pregnancy?
उतर : जी हां ।
Q4.When does morning sickness typically start?
उतर : गर्भ के 6 हप्ते के बाद ।
Q5.Is it normal to urinate frequently during pregnancy?
उतर : जी हां पर ये अधिकतम पहले और अंतिम त्रैमासिक में होता हे ।
Q6.Are warning signs of pregnancy the same for everyone?
उतर : जी नहीं ।
reference : click here
Article by : Dr. Abinash Kumar Mandal
Jab Wife pregnant h0 toh Girlfriend k satH Sex Kar Sakta Hu????